माधव नगर बन्द,खदान,मे हो रही बॉक्साइट की चोरी देर रात सक्रिय हो जाते हैं अवैध उत्खनन करता चोरी पकड़ने में प्रशासन नाकाम
मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ कटनी शहर की सीमा पर माधवनगर के समीप स्थित बंद पड़ी टिकुरी खदान से हर रात लाखों रुपए कीमती बॉक्साइट चोरी कर बेचा जा रहा है। अवैध खनन माफिया रातभर मशीनों की सहायता से खनन करते हुए 20 से 25 हाइवा में बॉक्साइट भरकर बिक्री करने का खेल शुरू कर चुके हैं। खनिज विभाग, प्रशासन की निष्क्रियता के चलते माधवनगर थाने से चंद कदमों की दूरी पर यह अवैध खनन धड़ल्ले से शुरू हो गया है।पूर्व में बंद पड़ी खदान से खनन शुरू हुआ था, जिसके बाद मामला उजागर होने के बाद खनन पर रोक लगी थी। तत्कालीन खनिज अधिकारी संतोष सिंह के द्वारा काम बंद कराते हुए नाली कटवा दी गई थी। अब फिर माफिर सक्रिय हो गए है और खनन शुरू कर दिया है। मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को एक बार फिर माफियाओं ने टिकुरी खदान पर भारी दल-बल के साथ खनन शुरू किया। सूत्रों के अनुसार 2 जेसीबी मशीनों से खननऔर 4 हाइवा से अवैध परिवहनकिया गया, लेकिन पुलिस औरप्रशासन पकड़ने में नाकाम रहासूचना पर प्रशासन हरकत में आकर खनन रुकवाया, पर माफिया अपनी मशीनों और हाइवा लेकर सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए। जनता की शिकायतें बेअसर स्थानीय नागरिक और समाजसेवी इस अवैध खनन को रोकने के लिए कई बार शिकायतें कर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि माफियाओं का संरक्षण प्राप्त है, जिस कारण बंद खदान से अवैध खनन का काला कारोबार बेरोकटोक चलता है। शिकायतें करने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से स्थानीय लोगप्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालमाधव नगर पहाड़ी से अवैध खनन कर निकाली गई बॉक्साइट की बिकवाली कई जगह हो रही है। रात भर अलग-अलग स्थानों पर बॉक्साइट को डंप कर इसे वैध और अवैध कारोबारियों को आधे दामों पर बेचा जाता है।
ये कारोबारी फिर लीगल ट्रांजिट पास का उपयोग कर इसे विभिन्न फैक्ट्रियों में सप्लाई करते हैं। खनन माफिया बॉक्साइट को भंडारण स्थलों पर रखकर दस्तावेजों में हेरफेर कर इसे वैध बनाते हैं। भंडारण स्थल से कागजी दस्तावेज लगाकर कई कारोबारी इसे बाजार में बेच रहे हैं। कुछ जगहों पर इस बॉक्साइट को अन्य खदानों में डालकर उनके ट्रांजिट पास (टीपी) का उपयोग किया जाता है। इस अवैध कारोबार में कई प्रतिष्ठित व्यापारी संलिप्त हैं, जो कागजों में हेरफेर कर अवैध बॉक्साइट को वैध बना रहे हैं।खड़ा कर रहे है। बता दें कि मेसर्स लक्ष्मीदास रामजी फर्म को सौ एकड़ की टिकुरी खदान मार्च 2020 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृत्ति न मिलने के कारण फर्म ने इसे सरेंडर कर दिया। इसके बाद से यह खदान प्रशासन के कब्जे में बंद पड़ी है, लेकिन इसके बावजूद खनन माफिया यहां सक्रिय रहते हैं।इनका कहना हैइस संबंध में बातचीत करते हुए कमलकांत परस्ते माइनिंग इस्पेक्टर ने कहा की सूचना मिलने पर रात 12.30 बजे टीआइ माधवनगर, नायब तहसीलदार के साथ दबिश दी गई थी। जब मौके पर पहुंचे तो वहां से वाहन निकल चुके थे, जब्त नहीं हो पाए। खनन कितने क्षेत्र में हुआ है और किन लोगों द्वारा किया जा रहा है, इसका पता लगाया जा रहा है
मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ संपादक श्याम लाल सूर्यवंशी